उत्तर प्रदेश में महोबा जिले के बुंदेलियों ने मंगलवार को चौथी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से चिट्ठी लिखकर भेजा. अबकी बार लिखी इस चिट्ठी के जरिए स्वास्थ्य सेवाएं ठीक करने की मांग की गई है.
पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर अनशन कर रहे बुंदेली समाज संगठन के संयोजक तारा पाटकर ने बताया कि महोबा जिला के गठन के 25 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन अब तक यहां की स्वास्थ्य सेवाएं सही नहीं की गई है.
उन्होंने बताया, 'जिला स्तरीय सरकारी अस्पताल में ना तो पर्याप्त चिकित्सक हैं और ना ही दवाएं ही उपलब्ध रहती हैं. जिला अस्पताल 200 बेड का ना हो पाने की वजह से प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज भी अधर में लटक गया है.'
लिखा- हम तिल-तिल मरना नहीं चाहते
पाटकर ने बताया, 'मंगलवार को दो दर्जन सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से चिट्ठी लिखकर कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं नहीं दे सकते, तो हमें मौत दे दीजिए, हम तिल-तिल नहीं मरना चाहते.'
उन्होंने बताया कि यह चौथी बार है जब बुंदेलियों ने प्रधानमंत्री को खून से चिट्ठी लिखी है. इससे पहले तीन बार पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग और अन्य समस्याओं को लेकर भी चिट्ठी लिखी जा चुकी है.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की मांग को लेकर खून से चिट्ठी लिखने वालों में देवेंद्र तिवारी, हरिओम निषाद, लालजी त्रिपाठी, कल्लू चौरसिया, अमरचंद्र, डॉ. अजय सरसैया और मोहम्मद अजीम प्रमुख हैं.
(आईएएनएस इनपुट के साथ)