उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के दूसरे कार्यकाल में मंगलवार को नोएडा प्राधिकरण की अहम बोर्ड बैठक हुई. इसमें वित्त वर्ष 2022-23 में 4880 करोड़ का बजट पास किया गया है. नोएडा के सेक्टर-6 में संपन्न हुई बोर्ड बैठक की अध्यक्ष संजीव मित्तल ने की. इसके अलावा मुख्य सचिव अरविंद कुमार ऑनलाइन शामिल हुए. वहीं, तीनों प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी यमुना विकास प्राधिकरण के अरुण वीर सिंह, ग्रेटर नोएडा के नरेंद्र भूषण और रितु माहेश्वरी शामिल हुईं. बैठक में कुल 50 एजेंडों को प्रस्तुत किया गया, जिसमें से अधिकांश पर सहमति बनी.
नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया, बजट में विकास और योजनाओं पर सर्वाधिक 4579 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया गया है जिसमें भूमि अधिग्रहण के लिए 500 करोड़, विकास और निर्माण कार्यों के लिए 1530 करोड़, ग्रामीण विकास के लिए 125 करोड़ और शहरी क्षेत्र के अनुरक्षण साफ-सफाई और उद्यानीकरण के लिए 978 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.
प्राधिकरण में व्याप्त भ्रष्टाचार की चर्चा देशभर में होती रही है. सीएजी ने भी आईटी और आईटीईएस और औद्योगिक भूखंडों के आवंटन की प्रकिया पर आपत्तियां जताई थीं. सीएजी की आपत्तियों को देखते हुए आवंटन प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए आवंटन की प्रक्रिया ड्रॉ और इंटरव्यू की बजाए ई ऑक्शन के माध्यम से की जाएगी. साथ ही भूखंड के सापेक्ष देय प्रीमियम का एक मुश्त भुगतान करने पर कुल प्रीमियम पर 2 प्रतिशत की छूट दिये जाने का निर्णय लिया गया.
इसी प्रकार आवासीय भूखण्डों के आवंटन ऑक्शन के अंतर्गत दिल्ली विकास प्राधिकरण में की नीति को अपनाए जाने का निर्णय लिया गया. इसके साथ प्राधिकरण में ब्लड रिलेशन की नीति को विस्तृत करते हुए पिता की मृत्यु हो जाने की दशा में दादा-दादी से पौत्र-पौत्री के पक्ष में ट्रांसफर को ब्लड रिलेशन मानते हुए निःशुल्क किए जाने का निर्णय लिया गया.
बिल्डरों के बकाए को रि-शेड्यूल करने और भारत सरकार की ओर से ग्रुप हाउसिंग सेक्टर को वित्तीय संकट से उबारने के लिये स्वामीह फंड का गठन किया गया है. प्राधिकरण द्वारा इस फंड के तहत एसबीआई केप से प्रस्ताव प्राप्त होने पर संबंधित बिल्डर के लिए एसबीआई केप के पक्ष में बंधक अनुमति प्रदान की जाएगी. जिन बिल्डर्स परियोजनाओं में अंतिम भुगतान का समय समाप्त हो गया है, उनको प्राधिकरण बिल्डरों के बकाए को रि-शेड्यूल करने सुविधा मिलेगी.
इसके अलावा बिल्डर को संशोधित मैप अप्रूवल के समय और एफएआर खरीदने के समय बायर्स का सहमति पत्र लेना होगा. खरीदने योग्य एफएआर के साथ संशोधित मानचित्र प्रस्तुत किए जाने की स्थिति में डेवलर्स को वर्तमान तिथि के कुल खरीददरों में से न्यूनतम 2/3 फ्लैट बायर्स से सहमति पत्र लेना होगा. एफएआर का शुल्क एक मुश्त 30 दिन के अंदर जमा कराना होगा.
इसके अलावा से लिए गए जरूरी फैसले लिए गए:
- प्राधिकरण की 203वीं बोर्ड बैठक में टेडर्स का निस्तारण लोक निर्माण विभाग (PWD) की प्रक्रिया अनुसार किए जाने का निर्णय लिया गया था. इस क्रम में प्राधिकरण 01 अप्रैल 2022 से निविदा अनिवार्य रूप से प्रहरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से आमंत्रित की जाएगी.
- एनएमआरसी सेक्टर -51 मेट्रो स्टेशन (एक्वा लाइन) और डीएमआरसी सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन (ब्लू लाइन) के मध्य फुट ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए कंपनी नहीं आने के चलते अब प्राधिकरण इसका निर्माण खुद करेगा.
- सेक्टर-123 में पूर्व की प्रस्तावित लैंड फिल साइट को समाप्त करते हुए उक्त भूमि को स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लिए आरक्षित करने और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को यथाशीघ्र बनाने का निर्णय लिया गया.
- पहले जिस स्थान पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट प्रस्तावित किया गया था, उसके स्थान पर पर्यावरण परीक्षण कराने के बाद उच्च तकनीक के कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट परियोजना लाने पर सहमति बनी.
- जनपद की बहुमंजिला इमारतों में आग बुझाने के लिए हाइड्रोलिक प्लेटफार्म खरीदने के लिए नोएडा प्राधिकरण 6.00 करोड़ की धनराशि दिये जाने का निर्णय लिया गया.
- सेक्टर -151A में निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय गोल्फ परियोजना हेलीपोर्ट परियोजना में तकनीकी और सुरक्षा कारणों से ले-आउट में परिवर्तन के कारण प्रोजेक्ट के क्षेत्रफल को पूर्व में अनुमोदित 120 एकड़ के स्थान पर 128 एकड़ किए जाने का फैसला लिया गया.
- चिल्ला रेगुलेटर एलीवेटेड रोड के निर्माण कार्य को शासन स्तर पर निर्णय लिये जाने के लिए संदर्भित करने का फैसला लिया गया.
- बहुमंजिला भवनों में निर्माण की गुणवत्ता के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट के संबंध में रूप रेखा तैयार करने के लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण की उच्चाधिकारियों की एक समिति गठन किए जाने का फैसला लिया गया.
तनसीम हैदर