रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि मई 2025 में हुआ ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की असली ताकत का सिर्फ ट्रेलर था. पर हमने एक संतुलित और संयमित प्रतिक्रिया का विकल्प चुना.
लेह में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना के पास सीमा पार आतंकी नेटवर्क को कहीं ज्यादा भारी नुकसान पहुंचाने की क्षमता थी, लेकिन हमने जानबूझकर 'संतुलित और संयमित' जवाब चुना. हमारे सशस्त्र बलों ने अपने काम को निर्धारित उद्देश्य तक सीमित रखने में अनुकरणीय अनुशासन दिखाया है.
'दुनिया जानती है आतंकियों का क्या हुआ'
उन्होंने कहा, 'बेशक, अगर हम चाहते तो और भी बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन हमारे बलों ने न केवल वीरता दिखाई, बल्कि संयम भी दिखाया और केवल वही किया जो ज़रूरी था.'
उन्होंने जोर देकर कहा, 'दुनिया जानती है कि आतंकियों का क्या हश्र हुआ. इस ऑपरेशन को सटीकता से अंजाम दिया गया.'
'इस लिए सफल हुआ ऑपरेशन'
रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन की सफलता का श्रेय सीमावर्ती क्षेत्रों में तेजी से बने इंफ्रास्ट्रक्चर को दिया. उन्होंने कहा, 'हमारे सशस्त्र बल वक्त पर लॉजिस्टिक्स समय पर पहुंचाने में सक्षम थे. इतना बड़ा ऑपरेशन इस लिए हो सका, क्योंकि हमारी कनेक्टिविटी मजबूत थी और सीमा क्षेत्र की कनेक्टिविटी ने ऑपरेशन सिंदूर को ऐतिहासिक सफलता दिलाई.'
उन्होंने ब्रह्मोस मिसाइल की तारीफ करते हुए कहा कि ये भारत की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक साबित हुई.
125 BRO प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन
लद्दाख, जम्मू और कश्मीर तथा कई पूर्वोत्तर और उत्तरी राज्यों में सीमा सड़क संगठन (BRO) की रिकॉर्ड 125 परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का पैमाना और गति सीमावर्ती क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी के कारण संभव हो पाई.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने केवल आतंकवाद से जुड़े स्थलों को ही निशाना बनाया है तथा पाकिस्तान में नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने से परहेज किया है.
उन्होंने जेआईटीओ कनेक्ट कार्यक्रम में कहा, 'सरकार ने पहलगाम आतंकवादी हमले के जिम्मेदार लोगों को सजा देने के लिए सिर्फ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया. हमने वहां कभी किसी सैन्य या नागरिक प्रतिष्ठान पर हमला नहीं किया. अगर हम चाहते तो ये काम पहले भी कर सकते थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया.'
'इस्लामाबाद ने की सीजफायर की मांग'
राजनाथ सिंह ने ये भी कहा कि सशस्त्र बलों ने 11 सैन्य ठिकानों पर हमला किया जो पाकिस्तान के आतंकी समर्थन नेटवर्क का हिस्सा थे, जिसके कारण चार दिनों तक टकराव चला, जिसके बाद 10 मई को इस्लामाबाद ने सीजफायर की मांग की.
इस हमले को प्रतिरोध का संदेश बताते हुए उन्होंने जैसलमेर में सैनिकों से कहा कि सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान को चेतावनी की खुराक दे दी है तथा टिप्पणी की कि ये जवाबी कार्रवाई भारत की वास्तविक युद्ध शक्ति का केवल एक अंश मात्र है.
'ऑपरेशन सिंदूर बस ट्रेलर था'
उन्होंने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर में जो हुआ, वह तो बस एक ट्रेलर था. हालांकि, उस ट्रेलर ने ही पाकिस्तान को ये एहसास दिला दिया कि अगर भारत पाकिस्तान को जन्म दे सकता है तो मुझे इस बारे में और कुछ कहने की जरूरत नहीं है कि वह और क्या कर सकता है.'
उन्होंने कहा, 'आज हमारे सैनिक कठिन इलाकों में मजबूती से खड़े हैं, क्योंकि उनके पास सड़कें, वास्तविक समय संचार प्रणाली, उपग्रह सहायता, निगरानी नेटवर्क और रसद कनेक्टिविटी तक पहुंच है.'
'रक्षा उत्पादन और निर्यात में उछाल'
भारत के रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के तेजी से विस्तार पर प्रकाश डालते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि साल 2014 में रक्षा उत्पादन 46,000 करोड़ रुपये था जो अब बढ़कर 1.51 लाख करोड़ रुपये हो गया है. साथ ही 10 साल पहले हमारा रक्षा निर्यात 1,000 करोड़ रुपये से भी कम था जो अब लगभग 24,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.'
उन्होंने दोहराया कि भारत की सैन्य कार्रवाइयां- चाहे 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक हो, 2019 का बालाकोट हवाई हमला हो या 2025 का ऑपरेशन सिंदूर राष्ट्रीय अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं. जब भारत के गौरव और सम्मान की बात आती है तो हम कभी समझौता नहीं करते.
बता दें कि भारतीय सुरक्षाबलों ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचे को निशाना बनाते हए 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था. जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने नौ बड़े आतंकी लॉन्च पैड को तबाह कर दिया, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए.
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