ओडिशा विधानसभा ने मंगलवार को अपने सदस्यों का मासिक वेतन तीन गुना से अधिक बढ़ाकर 1.11 लाख रुपये से 3.45 लाख रुपये कर दिया है, जो देश में जनप्रतिनिधियों को मिलने वाले सबसे अधिक सैलरी स्ट्रक्चर में से एक होगा. संसदीय कार्य मंत्री मुकेश महालिंग ने बताया कि 17वीं विधानसभा के गठन (जून 2024) से यह संशोधित वेतन प्रभावी होगा. इन संशोधनों के लिए सदन ने सर्वसम्मति से चार विधेयक पारित किए.
मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और पूर्व विधायकों की पेंशन में भी लगभग तीन गुना वृद्धि की गई है. विधेयकों में यह भी प्रावधान है कि किसी भी वर्तमान विधायक की मृत्यु पर उसके परिवार को 25 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. साथ ही हर पांच वर्ष में वेतन, भत्ते और पेंशन में वृद्धि का प्रावधान भी शामिल है. एक विधेयक यह भी अनुमति देता है कि भविष्य में ऐसी बढ़ोतरी अध्यादेश के माध्यम से भी की जा सकेगी.
अब तक मिलता था ₹1.11 लाख वेतन
वर्तमान में, ओडिशा विधानसभा के सदस्य को वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं सहित लगभग 1.11 लाख रुपये प्रति माह मिलते हैं. अब यह पैकेज बढ़कर 3,45,000 रुपये हो जाएगा, यानी लगभग 3.10 गुना वृद्धि. यह वृद्धि 2007 से लंबित मांग के बाद की गई है. सभी सदस्यों ने वेतन और पेंशन वृद्धि के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया.
नए प्रावधानों के अनुसार, एक विधायक के वेतन–भत्ते इस प्रकार होंगे:
वेतन: 90,000 रुपये
क्षेत्रीय/सचिवीय भत्ता: 75,000 रुपये
कन्वेअंस (यातायात) भत्ता: 50,000 रुपये
पुस्तक, जर्नल व पत्रिका भत्ता: 10,000 रुपये
बिजली भत्ता: 20,000 रुपये
नियत यात्रा भत्ता: 50,000 रुपये
चिकित्सा भत्ता: 35,000 रुपये
टेलीफोन भत्ता: 15,000 रुपये
पूर्व विधायक को 1.17 लाख रुपये पेंशन मिलेगी, जिसमें 80,000 रुपये पेंशन, 25,000 रुपये चिकित्सा भत्ता और 12,500 रुपये यात्रा भत्ता शामिल है. इसके अतिरिक्त, प्रत्येक कार्यकाल पर 3,000 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे.
विधेयकों के अनुसार,
मुख्यमंत्री का वेतन–भत्ता: 3,74,000 रुपये प्रति माह
विधानसभा अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री: 3,68,000 रुपये
उपाध्यक्ष और राज्य मंत्री: 3,56,000 रुपये
कैबिनेट मंत्री और नेता प्रतिपक्ष: 3,62,000 रुपये
सरकार के मुख्य सचेतक व उप–मुख्य सचेतक: क्रमशः 3,62,000 रुपये और 3,50,000 रुपये वेतन पाएंगे.
सदन ने सर्वसम्मति से जिन चार विधेयकों को पारित किया, वे हैं:
1. ओडिशा विधानमंडल सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन (संशोधन) विधेयक 2025
2. अध्यक्ष का वेतन और भत्ता (संशोधन) विधेयक 2025
3. उपाध्यक्ष का वेतन और भत्ता (संशोधन) विधेयक 2025
4. मंत्रियों का वेतन और भत्ता (संशोधन) विधेयक 2025
सभी दलों के विधायकों ने कहा कि बढ़ी हुई जिम्मेदारियों और वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों के अनुरूप यह संशोधन आवश्यक था. विपक्ष की मुख्य सचेतक और ओडिशा विधानसभा की पूर्व अध्यक्ष प्रमिला मलिक ने कहा, 'पेंशन में बढ़ोतरी से विशेष रूप से वे पूर्व विधायक लाभान्वित होंगे जो बुजुर्ग और बीमार हैं.'
aajtak.in