कोलकाता कांड: 'हाथ टूटा था, शव दिखाने के लिए कराया इंतजार', पीड़िता की मां को इस हालत में मिली बेटी

मां ने बताया कि, उसकी पैंट खुली हुई थी, उसके शरीर पर केवल एक कपड़ा था, उसका हाथ टूटा हुआ था, और उसकी आंखों और मुंह से खून निकल रहा था. देखकर ही लग रहा था कि किसी ने उसकी हत्या कर दी है. मैंने उनसे साफ कहा कि यह आत्महत्या नहीं हो सकती.

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कोलकाता रेप-मर्डर केस के बाद डॉक्टर्स देशभर में विरोध- प्रदर्शन कर रहे हैं. कोलकाता रेप-मर्डर केस के बाद डॉक्टर्स देशभर में विरोध- प्रदर्शन कर रहे हैं.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 12:24 AM IST

कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में हुए रेप-मर्डर केस में लगातार नई बातें सामने आ रही हैं. इस हत्याकांड से जहां एक ओर देशभर के डॉक्टरों में आक्रोश है तो वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले में सुनवाई की तारीख तय कर दी है. इसके इतर मृतका डॉक्टर की मां ने अस्पताल प्रशासन और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

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अस्पताल से फोन आया, बताया बेटी बीमार हैः पीड़िता की मां

मृतका की मां ने बताया, "पहले हमें अस्पताल से फोन आया कि आपकी बेटी बीमार है, फिर फोन कट गया. उसके बाद जब मैंने दोबारा फोन किया और पूछा कि क्या हुआ, तो उन्होंने मुझे अस्पताल आने के लिए कहा. जब हम अस्पताल पहुंचे, तो हमें हमारी बेटी को देखने की इजाजत नहीं दी गई. दोपहर 3 बजे हमें उसे देखने की अनुमति दी गई, तो उसकी हालत देखकर हम सन्न रह गए.

'हमारी बेटी की हत्या हुई'

मां ने बताया कि, उसकी पैंट खुली हुई थी, उसके शरीर पर केवल एक कपड़ा था, उसका हाथ टूटा हुआ था, और उसकी आंखों और मुंह से खून निकल रहा था. देखकर ही लग रहा था कि किसी ने उसकी हत्या कर दी है. मैंने उनसे साफ कहा कि यह आत्महत्या नहीं हो सकती. हमने अपनी बेटी को डॉक्टर बनाने के लिए बहुत मेहनत की थी, लेकिन उसकी हत्या कर दी गई."

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इस मामले में और लोग भी शामिल

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आह्वान पर उन्होंने अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा, "मुख्यमंत्री ने कहा था कि अपराधी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है. एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन मुझे यकीन है कि इसमें और भी लोग शामिल हैं.

मुझे लगता है कि इस घटना के लिए पूरा विभाग जिम्मेदार है. पुलिस ने बिल्कुल भी अच्छा काम नहीं किया. मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री विरोध को दबाने की कोशिश कर रही हैं, उन्होंने आज यहां धारा 144 लगा दी है ताकि लोग विरोध न कर सकें."

पुलिस आयुक्त (सीपी) के बारे में उन्होंने कहा, "उन्होंने हमारे साथ बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया, केवल मामले को जल्द से जल्द रफा-दफा करने की कोशिश की. उनकी कोशिश थी कि जल्द से जल्द पोस्टमॉर्टम कराकर शव को हटा दिया जाए."

पुलिस-प्रशासन पर सवालिया निशान

पीड़ित मां के इस बयान से पुलिस तथा प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. मामले की जांच को लेकर लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है, और इस घटना ने राज्य सरकार के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर दी है. वहीं इस मामले में मृतका के पिता का कहना है कि, 'मामले में मृत डॉक्टर के पिता का कहना है, "जांच का कोई नतीजा अब तक सामने नहीं आया है. हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा.विभाग या कॉलेज में से किसी ने भी हमारे साथ सहयोग नहीं किया.

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पूरा विभाग इसमें शामिल है. श्मशान घाट पर तीन शव थे, लेकिन सबसे पहले हमारी बेटी का अंतिम संस्कार किया गया. मुख्यमंत्री न्याय दिलाने की बात कर रही हैं, लेकिन जो लोग न्याय की मांग कर रहे हैं, उन्हें जेल में डालने की कोशिश की जा रही है. हमें मुख्यमंत्री से कोई संतुष्टि नहीं है. हमने किसी भी मुआवजे को लेने से इनकार कर दिया है."

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