इंडिगो की ओर से बड़े पैमाने पर उड़ानों को रद्द किए जाने और लगातार ऑपरेशनल फेल्योर के बाद अब मामला राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर गंभीर होता जा रहा है. परिवहन, पर्यटन और नागरिक उड्डयन से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति ने इंडिगो, अन्य सभी एयरलाइंस, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) के अधिकारियों को तलब करने का फैसला किया है. वहीं, आज भी इंडिगो की रिकॉर्ड स्तर पर फ्लाइट कैंसिल हो रही हैं.
दरअसल, इंडिगो की उड़ानों के लगातार रद्द होने से हजारों यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है. इसी को लेकर परिवहन, पर्यटन और नागरिक उड्डयन पर बनी संसदीय समिति ने सख्त रुख अपनाया है. सूत्रों के मुताबिक, समिति जल्द ही इंडिगो के अधिकारियों, अन्य एयरलाइंस, DGCA और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब करेगी.
समिति के अध्यक्ष और जेडीयू सांसद संजय कुमार झा की अध्यक्षता में इस पूरे घटनाक्रम पर विस्तृत चर्चा होगी और सभी पक्षों से जवाब मांगे जाएंगे. समिति इस बात की भी जांच करेगी कि भविष्य में इस तरह की स्थिति दोबारा ना हो, इसके लिए कौन से ठोस कदम उठाए जा सकते हैं.
खास बात यह है कि फ्लाइट कैंसिलेशन से बड़ी संख्या में सांसदों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा है, जिनमें इस संसदीय समिति के सदस्य भी शामिल हैं. कई यात्रियों ने अपनी परेशानी की जानकारी सीधे सांसदों को फोन कर दी, जिसके बाद इस मुद्दे को गंभीरता से लिया गया.
बैठक में यह अहम सवाल भी उठेगा कि जब बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द हो रही थीं तो एयरलाइंस ने अचानक किराए क्यों बढ़ा दिए और इससे आम यात्रियों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ क्यों पड़ा.
इस बीच, सीपीएम सांसद जॉन ब्रिटास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच के लिए JPC (संयुक्त संसदीय समिति) या न्यायिक आयोग के गठन की मांग की है.
DGCA की सख्ती, इंडिगो CEO को शो-कॉज नोटिस
उड्डयन नियामक DGCA ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स और अकाउंटेबल मैनेजर इसिड्रो पोर्केरस को 24 घंटे के भीतर जवाब देने के लिए शो-कॉज नोटिस जारी किया है. DGCA ने कहा कि बड़े पैमाने पर ऑपरेशनल फेल्योर यह दर्शाते हैं कि प्लानिंग, ओवरसाइट और रिसोर्स मैनेजमेंट में गंभीर चूक हुई है.
नोटिस में कहा गया कि फ्लाइट डिसरप्शन का मुख्य कारण संशोधित FDTL (Flight Duty Time Limitations) नियमों को लागू करने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं की गईं. DGCA ने इसे Aircraft Rules, 1937 और संबंधित CAR नियमों का प्रथम दृष्टया उल्लंघन बताया है.
इसके अलावा, यात्रियों की सुविधाओं में भी गंभीर लापरवाही सामने आई है. कई मामलों में यात्रियों को अनिवार्य जानकारी, भोजन, ठहरने और अन्य सुविधाएं नहीं दी गईं, जो नियमों के खिलाफ है.
इंडिगो के स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं मंत्रालय
नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने इंडिगो संकट की रिपोर्ट तेजी से तैयार कराने के लिए 4 सदस्यीय हाई लेवल कमेटी निर्देश दिए हैं. अब तक इंडिगो की ओर से दिए गए जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए हैं. अब हाई लेवल कमेटी जरूरी कार्रवाई की सिफारिश करेगी. इस कमेटी को पहले ही 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने की जिम्मेदारी दी गई थी. कमेटी इस पूरे मामले के मूल कारण (रूट कॉज) और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर रही है. इस मामले में वित्तीय और दंडात्मक कार्रवाई से इनकार नहीं किया जा सकता है.
नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इंडिगो CEO के साथ एक बैठक की, जिसमें DGCA प्रमुख फैज़ अहमद किदवई और नागरिक उड्डयन सचिव समीर कुमार सिन्हा भी मौजूद रहे. बैठक में इंडिगो को FDTL नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए.
इंडिगो का बयान- नेटवर्क को 'रीबूट' कर रहे हैं
इंडिगो ने बयान जारी कर कहा कि उसने नेटवर्क को 'रीबूट' करने के लिए बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द कीं. कंपनी के अनुसार, एक दिन में 700 से ज्यादा उड़ानों का संचालन किया गया और 113 डेस्टिनेशन को जोड़ा गया. एयरलाइन ने दावा किया कि वो अब दिन के अंत तक 1500 से ज्यादा फ्लाइट्स ऑपरेट करने की दिशा में आगे बढ़ रही है और 138 में से 135 डेस्टिनेशन पर सर्विस बहाल कर दी गई है. कंपनी ने यात्रियों से माफी मांगते हुए भरोसा दिलाया है कि भरोसा फिर से बहाल किया जाएगा.
रेलवे ने चलाईं 89 स्पेशल ट्रेनें
इंडिगो की बड़े पैमाने पर फ्लाइट कैंसिलेशन के बाद रेलवे ने 89 स्पेशल ट्रेनें चलाने की घोषणा की है. ये ट्रेनें अगले तीन दिनों में 100 से ज्यादा ट्रिप्स करेंगी. रेलवे बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (इन्फॉर्मेशन एंड पब्लिसिटी) दिलीप कुमार ने बताया कि नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, पटना और हावड़ा जैसे बड़े शहरों के लिए ये विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं. एयरपोर्ट पर भी यात्रियों को इन स्पेशल ट्रेनों की जानकारी देने के निर्देश जारी किए गए हैं.
'जांच रिपोर्ट के बाद होगी सख्त कार्रवाई'
वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक, जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर IndiGo और उसके अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से इनकार नहीं किया गया है. मंत्रालय ने साफ किया है कि तत्काल प्राथमिकता फ्लाइट ऑपरेशन को सामान्य करना है. इंडिगो को निर्देश दिया गया है कि वो रद्द और डिले फ्लाइट्स के टिकट का रिफंड समय पर पूरा करे और यात्रियों का अलग हुआ सामान 48 घंटे के भीतर पहुंचाए. सरकार ने बिजनेस क्लास को छोड़कर बाकी टिकटों के किराए 7,500 से 18,000 रुपये के दायरे में अस्थायी रूप से कैप कर दिया है. इंडिगो का ऑन-टाइम परफॉर्मेंस 5 दिसंबर को सिर्फ 3.7 फीसदी रह गया, जो देश में किसी भी बड़ी एयरलाइन के लिए बेहद चिंताजनक माना जा रहा है.
कई एयरपोर्ट्स पर बड़ी संख्या में फ्लाइट कैंसिल
7 दिसंबर को चेन्नई एयरपोर्ट पर 38 फ्लाइट्स रद्द की गईं. दिल्ली एयरपोर्ट पर 86 इंडिगो फ्लाइट्स कैंसिल हुईं, जिसमें 37 डिपार्चर और 49 अराइवल शामिल हैं. कोलकाता एयरपोर्ट पर 21 अराइवल और 20 डिपार्चर फ्लाइट्स को रद्द किया गया.
बेंगलुरु एयरपोर्ट पर आज 150 फ्लाइट्स रद्द
बेंगलुरु एयरपोर्ट पर 7 दिसंबर को इंडिगो की 76 अराइवल (आगमन) और 74 डिपार्चर (प्रस्थान) फ्लाइट कैंसिल हो गई हैं. बेंगलुरु और चेन्नई में कल की तुलना में आज ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिलेशन हुए हैं.
हैदराबाद में आज 115 फ्लाइट्स रद्द
हैदराबाद एयरपोर्ट पर इंडिगो की आज 54 अराइवल और 61 डिपार्चर फ्लाइट कैंसिल हुई हैं. आज की कैंसिलेशन संख्या कल की तुलना में ज्यादा रही है.
अहमदाबाद एयरपोर्ट पर टर्मिनल के अंदर भीड़भाड़ की स्थिति नहीं पाई गई, लेकिन बाहर अतिरिक्त कुर्सियों की व्यवस्था की गई ताकि यात्रियों को बैठने में परेशानी न हो.
पी चिदंबरम का सरकार और DGCA पर हमला
वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि इकॉनमी क्लास के किराए को कैप करना सही कदम है. उन्होंने कहा कि जब तक एयरलाइन सेक्टर में 'डुओपॉली' बनी रहेगी, तब तक किराए पर नियंत्रण जरूरी है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इंडिगो संकट एयरलाइन मैनेजमेंट, DGCA और केंद्र सरकार की सामूहिक विफलता को दर्शाता है. उनके मुताबिक, जनवरी 2024 में FDTL नियम लागू हुए, लेकिन 23 महीने तक सरकार एयरलाइन को सही तरीके से गाइड नहीं कर पाई.
हिमांशु मिश्रा / अमित भारद्वाज / प्रमोद माधव