कर्नाटक के बेंगलुरु में सोमवार से 14वां एयरो इंडिया शो (Aero India Show में) का आय़ोजन किया जा रहा है. पांच दिन तक चलने वाले इस शो में दुनिया के 80 से ज्यादा देश हिस्सा ले रहे हैं. इसमें 800 से ज्यादा रक्षा कंपनियां शामिल हुईं हैं, जिनमें से 100 विदेशी और 700 भारतीय हैं. शो के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक रक्षा निर्यात को 1.5 अरब डॉलर से बढ़ाकर 5 अरब डॉलर करने की भारत की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है. इस बीच एयरो शो के मुख्य आकर्षण स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए तेजस एमके 1 ए को खरीदने के लिए दो देशों ने रूची दिखाई है. इसको लेकर भारत की मिस्र और अर्जेंटीना के साथ बातचीत चल रही है.
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के चेयरमैन सीबी अनंतकृष्णन ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि अर्जेंटीना और मिस्र ने एलसीए में रुचि दिखाई है. हमने 15 तेजस एलसीए अर्जेंटीना को और 20 अन्य मिस्र को उनकी अनुमानित आवश्यकता के अनुसार बेचने का प्रस्ताव दिया है. एचएएल ने स्थानीय एयरोस्पेस सिस्टम स्थापित करने में मिस्र की वायु सेना की मदद करने की भी पेशकश की है.
उन्होंने बताया कि अर्जेंटीना के अधिकारियों के साथ बातचीत के बीच हमने मिस्र को अपना प्रस्ताव सौंप दिया है. मिस्र लोकल एयरोस्पेस इकोसिस्टम स्थापित करना चाहता है, हम इसे सुगम बनाने में मदद करेंगे. अर्जेंटीना वायु सेना की दो टीमों ने एचएएल का दौरा किया और एलसीए को उड़ाकर देखा है."
मलेशियाई वायु सेना ने भी चुने दो विमान
बता दें कि एचएएल का तेजस विमान मलेशियाई वायु सेना द्वारा चुने गए दो विमानों में से एक है, लेकिन एचएएल प्रमुख ने संकेत दिया है कि तेजस को दक्षिण कोरिया द्वारा विकसित प्रतिस्पर्धी के-50 फाइटर प्लेन द्वारा इस दौड़ से बाहर किया जा सकता है. वहीं इससे पहले AeroIndia 2021 में IAF ने 83 तेजस Mk-1A का ऑर्डर दिया था. HAL के चेयरमैन ने पहले तेजस Mk-1A की आपूर्ति के लिए 2024 तक का समय दिया था, वहीं अन्य विमानों की डिलीवरी 2029 तक की जाएगी.
अगले 5 वर्षों में तेजस एमके-2 बनाने पर होगा काम
एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के डीजी ने इंडिया टुडे/आजतक से बात करते हुए कहा कि घरेलू लड़ाकू विमान के भविष्य के वैरिएंट तेजस एमके-2 को अगले 5 वर्षों में बनाना शुरू कर दिया जाएगा. एडीए के डीजी डॉ गिरीश देवधर ने कहा, ''तेजस एमके-2 एमके1 से टेक्नोलॉजी में अधिक एडवांस होगा. हमने एमके1 में अपनी तकनीक को साबित कर दिया है. एमके1 से और जो कुछ भी सीखने को मिलेगा, उससे एमके2 तेजस को मदद मिलेगी. तेजस एमके2 का उत्पादन 5 साल में शुरू होगा. इसके लिए रास्ता साफ है.''
स्क्वाड्रन की कमी को पूरा करेगा एमके-1ए
इस बीच भारतीय वायु सेना स्क्वाड्रनों की गिरती ताकत को फिर से उभारने के लिए तेजस एमके-1ए को शामिल करने पर भी निर्भर है. वायु सेना के उप प्रमुख सर मार्शल एन तिवारी ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा, "हमारे पास स्वीकृत संख्या 42 के मुकाबले 31 स्क्वाड्रन हैं. अगले कुछ वर्षों में हम 83 LCA Mk-1A, 114 MRFA लड़ाकू विमानों और AMCA को शामिल करने की योजना बना रहे हैं, ताकि स्क्वाड्रन की ताकत पूरी हो सके."
अक्षय डोंगरे