दिल्ली वक्फ बोर्ड केस: सुप्रीम कोर्ट ने दो और आरोपियों को दी जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस के दो और आरोपियों को जमानत दे दी है. लंबी समय से जेल में रहने और मुकदमा शुरू होने की संभावना ना होने को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने यह फैसला लिया.

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दिल्ली वक्फ बोर्ड (फाइल फोटो) दिल्ली वक्फ बोर्ड (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:46 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किए गए हैदर और नासिर को जमानत दे दी है. दोनों आरोपी नवंबर 2023 से जेल में बंद हैं. कोर्ट ने कहा कि मुकदमा शुरू होने की कोई संभावना नहीं दिख रही है और इसी वजह से जमानत दी जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि दोनों आरोपी एक हफ्ते के भीतर स्पेशल कोर्ट में पेश होकर जमानत की औपचारिकताएं पूरी करें.  

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गौरतलब है कि हैदर और नासिर को ईडी ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार किया था. इस मामले की शुरुआत सीबीआई की एक एफआईआर और दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज कई शिकायतों से हुई थी.  

ईडी ने आरोप लगाया है कि वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह खान ने करीब 36 करोड़ रुपये की आपराधिक आय को वैध मनी में बदल दिया. इस राशि का इस्तेमाल कथित तौर पर हैदर, नासिर और अन्य सहयोगियों के जरिए अचल संपत्तियां खरीदने में किया गया.

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अमानतुल्लाह खान को पहले ही मिली राहत

14 नवंबर को अदालत ने वक्फ बोर्ड मामले में अमानतुल्लाह खान को जमानत देते हुए कहा था कि उनके खिलाफ ट्रायल शुरू होने में देरी हो रही है. 

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इससे बाद दिल्ली की एक अदालत ने वक्फ बोर्ड मामले में गिरफ्तार कौसर इमाम सिद्दीकी को भी जमानत दे दी थी. सिद्दीकी पर आरोप है कि उन्होंने आप विधायक अमानतुल्लाह खान के लिए 'मिडलमैन' के तौर पर प्रॉपर्टी खरीदी. जज ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को बिना ट्रायल लंबी हिरासत के लिए फटकार लगाई थी और कहा था कि ऐसा करना कानून के नियमों और मानवाधिकारों का उल्लंघन है.

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