शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती आज, सोशल मीडिया पर दिग्गजों ने किया सलाम

देश आज अपने हीरो को याद कर रहा है, शहीद भगत सिंह की आज जयंती है. इस मौके पर लोगों द्वारा भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी जा रही है.

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शहीद ए आजम भगत सिंह (फाइल फोटो) शहीद ए आजम भगत सिंह (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:59 AM IST
  • शहीद ए आजम भगत सिंह की जयंती आज
  • सोशल मीडिया पर हर कोई कर रहा सलाम

Bhagat Singh Birth Anniversary: देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह की आज 114वीं जयंती है. आज इस मौके पर देश अपने हीरो को याद कर रहा है. सोशल मीडिया पर हर कोई अपनी ओर से भगत सिंह को सलाम कर रहा है, देश के कई दिग्गजों ने भी मंगलवार को ट्वीट कर भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर सरदार भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा कि आजादी के महान सेनानी शहीद भगत सिंह को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि.

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भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को इस मौके पर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि परम देशभक्त, महान स्वतंत्रता सेनानी, भारत मां के अमर वीर सपूत शहीद भगत सिंह जी की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन. अपनी अल्पायु में अपने शौर्य एवं पराक्रम से जनमानस में स्वाधीनता की अलख जगाने और मां भारती के लिए न्यौछावर आपका जीवन युवाओं में सदैव देशप्रेम की लौ जलाता रहेगा.


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर भगत सिंह को याद किया. अऱविंद केजरीवाल ने कहा कि भारत माता के वीर सपूत, महान क्रांतिकारी शहीद-ए-आज़म भगत सिंह जी की जन्म जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन.

 


यारों का यार भगत सिंह, जिसने देश के लिए जान दे दी

सरदार भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को हुआ था. पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब के बांगा गांव में भगत सिंह ने जन्म लिया. उनका परिवार पहले से ही आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों के खिलाफ अपनी ओर से जुटा हुआ था, बाद में भगत सिंह भी इसी राह पर चल पड़े. 

काफी कम उम्र में ही भगत सिंह ने आजादी की लड़ाई में अपना योगदान दिया था. फिर चाहे दिल्ली की असेंबली में बम फेंकना हो, जेल में रहकर भूख हड़ताल करनी हो या फिर ब्रिटिश शासन के एक पुलिस अफसर से बदला लेने की घटना हो. 

भगत सिंह ने जेल में जाने के बाद काफी पढ़ाई की, किताबें पढ़ी, लेख लिखे, उनके कई लेख आज भी चर्चित हैं और युवाओं में उनका क्रेज़ है. सिर्फ 24 साल की उम्र में भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 को फांसी दे दी गई थी. 

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