नरेंद्र मोदी के राज में पूरब में अरुणाचल में अगर सरकार बनी तो पश्चिम बंगाल में पिछले दस साल में वोट बढ़ा है. 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद जहां बीजेपी का पूर्वोदय हुआ है तो वहीं कांग्रेस का ग्राफ लगातार गिरता गया है. ओडिशा और फिर तटीय हिस्से में आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु तक बीजेपी का उदय है. जहां पिछले चुनाव के मुकाबले बीजेपी की 38 फीसदी तक सिर्फ लोकसभा में सीट ही नहीं बढ़ती, बल्कि ओडिशा में पहली बार बीजेपी के मुख्यमंत्री ने शपथ ली और आंध्र प्रदेश में एनडीए की ऐतिहासिक सीट वोट के साथ सरकार बन गई. 2014 के बाद बीजेपी ने 7 राज्यों में पहली बार सरकार बनाई है.
बुधवार को तमिलनाडु और ओडिशा में मुख्यमंत्रियों का शपथ ग्रहण हुआ. तमिलनाडु में शपथ ग्रहण के मंच पर नरेंद्र मोदी के साथ वहां मौजूद बाकी लोगों की जबरदस्त कैमिस्ट्री देने को मिली. जब पवन कल्याण ने शपथ ली तो प्रधानमंत्री ने पीठ थपथपाई. वहीं चंद्रबाबू के बेटे नारा लोकेश ने शपथ लेने के बाद जब प्रधानमंत्री के पैर छूने की कोशिश की तो नरेंद्र मोदी ने उन्हें रोक दिया और कंधे पर हाथ रखकर आशिर्वाद दिया.
इसी मंच की चर्चा बुधवार को और भी तब हुई जब NDA की आंध्र में ऐतिहासिक जीत के बाद शपथ ग्रहण में पवन कल्याण, उनके भाई चिरंजीवी का हाथ पकड़कर मंच पर आगे प्रधानमंत्री बढ़े. और इसी मंच पर प्रधानमंत्री रजनीकांत से भी मिले. 2019 में जिन नायडू के लिए दरवाजे बंद होने की बात बीजेपी की तरफ से कही गई और खुद नायडू सवाल सीधे नरेंद्र मोदी तक पर उठाते रहे. और फिर पांच साल के बाद सियासत पलट गई और दिल्ली से विजयवाड़ा तक मिलकरविजय गाथा लिखी गई है.
2014 के बाद बीजेपी का बढ़ा दायरा
विकास की जिस जिजिविशा की बात प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश को लेकर की, सियासी विकास की वैसी ही जिजिविशा नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी के भीतर दिखती आ रही है. 2014 में बीजेपी की पांच राज्यों और NDA की छह राज्यों में सरकार थी. तब देश की 19.5 प्रतिशत आबादी पर बीजेपी की सरकार और 22 फीसदी आबादी पर NDA की सरकार का राज था. 2019 में बीजेपी 12 राज्यों में सरकार रही तो एनडीए की 18 राज्यों में 41 फीसदी आबादी वाले राज्यों में बीजेपी का शासन और 54 फीसदी आबादी से जुड़े राज्य में NDA का शासन रहा.
आज 13 राज्यों में बीजेपी की सरकार
अब 2024 में स्थिति ये है कि बीजेपी की अपने दम पर 13 राज्यों में सरकार है. NDA का शासन बढ़कर 20 राज्यों तक पहुंच चुका है. आबादी के हिसाब से देखें तो 46 फीसदी औऱ 69 फीसदी. और तब सिर्फ आंध्र प्रदेश नहीं बल्कि ओडिशा में भी पहली बार बीजेपी की सरकार बन रही है. ओडिशा के 15वें मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी हैं. 24 साल बाद ओडिशा को आदिवासी मुख्यमंत्री मिला है. प्रधानमंत्री समेत एनडीए के तमाम नेता शपथग्रहण में पहुंचे.
ओडिशा में पहली बार बीजेपी की सरकार बनने के साथ लोकतंत्र की खूबसूरत तस्वीर दिखी. ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक खुद भी बीजेपी सरकार के शपथ समारोह में पहुंचे तो उनका सम्मान बीजेपी के सभी नेताओं ने किया. उनके लिए वैसे ही खड़े हुए, जैसे प्रधानमंत्री या अमित शाह या दूसरे बड़े नेताओं के लिए सम्मान में खड़े होते हैं.
2014 के बाद घटता गया कांग्रेस का दायरा
ओडिशा में सरकार बनने के साथ ही बीजेपी के शासन वाले राज्यों की संख्या बढ़ गई है. वहीं कांग्रेस के अकेले शासन वाले राज्यों से अगर तुलना करें तो 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले तक के चुनावों में 12 राज्यों में कांग्रेस सरकार थी. 2019 में 5 राज्यों में सरकार कांग्रेस की रही. 2024 में 3 राज्यों में सरकार कांग्रेस की बची है. वहीं इनके सामने अभी 13 राज्यों में बीजेपी के अपने दम पर सरकार है.
केंद्र में मोदी सरकार के बाद 7 राज्यों में पहली बार बीजेपी सरकार
नरेंद्र मोदी के सत्ता के केंद्र और सियासत का केंद्र बिंदु बनने के बाद से बीजेपी ने विस्तार की सबसे बड़ी दस्तक दी है. आज ओडिशा में भी बीजेपी की सरकार पहली बार बनी है तो मोदी राज में ये सातवीं बार हो रहा है जब किसी राज्य में पहली बार बीजेपी का मुख्यमंत्री बना है. 2014 में सबसे पहले हरियाणा में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी, तब केंद्र में नरेंद्र मोदी की ही सरकार थी. इसके बाद 2014 में ही महाराष्ट्र, 2016 में असम, 2017 में मणिपुर, 2018 में त्रिपुरा, 2019 में अरुणाचल प्रदेश और अब 2024 में ओडिशा यानी ये वो सात राज्य हैं, जहां नरेंद्र मोदी के सियासी युग में पहली बार बीजेपी के मुख्यमंत्री ने शपथ ली.
(आजतक ब्यूरो)
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