महाराष्ट्र के मालेगांव ब्लास्ट केस में अदालत ने आरोपियों को बरी कर दिया है। इस निर्णय के बाद से राजनीति में गर्माहट आ गई है। विशेष तौर पर 'भगवा आतंकवाद' के आरोप को लेकर एक नया जुबानी युद्ध शुरू हो गया है। कोर्ट के निर्णय के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने एक बयान दिया, जिसने भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस पर हमला करने का एक बड़ा अवसर दिया। पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, 'भगवा शब्द का प्रयोग ना करें भगवा ये महाराष्ट्र की 14,00,00,000 जनता के लिए एक पवित्र शब्द है। भगवान जो है वो छत्रपति शिवजी महाराज का झंडा था, जो कि एक स्वतंत्रता का प्रतीक है। अगर आपको किसी धर्म का लाभ ले तो हिंदू टेरर का ही है, हिंदू फंडामेंटलिस्ट टेरर का ही है, सनाधनी टेरर का ही है लेकिन भगवान ना करिए।' इसके जवाब में एक अन्य पक्ष ने कहा कि स्वतंत्र भारत की पहली आतंकवादी कार्रवाई नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या करके की थी। यह भी कहा गया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। इस मामले में वोट बैंक की राजनीति और तुष्टिकरण के आरोप भी लगाए गए।