मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की एक सरकारी आधिकारिक बैठक में एक रिश्तेदार की मौजूदगी को लेकर अघाड़ी (मोर्चा) सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे के भतीजे वरुण सरदेसाई को एक फोटो में देखा गया जिसमें मुख्यमंत्री आईएएस अधिकारियों और मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे.
ट्विटर पर इस फोटो को देखने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि कैसे एक गैर सरकारी प्रतिनिधि वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में मौजूद हो सकता है. वरुण सरदेसाई शिवसेना के युवा विंग ‘युवा सेना’ के भी सदस्य हैं.
दिलचस्प है कि शिवसेना की सरकार में एक हिस्सेदार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने इसे कोई बड़ी चूक नहीं माना है, लेकिन साथ ही कहा है कि भविष्य में ऐसा नहीं होना चाहिए.
अधिकारियों को भी रास नहीं आया
ये घटना सोमवार को हुई जब वरुण सरदेसाई मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से ली जा रही आधिकारिक बैठक में देखे गए. फोटो में इसी बैठक में उद्धव के बेटे और वर्ली से शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे भी देखे जा सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने ये अहम बैठक पर्यटन के मुद्दे पर बुलाई थी. बताया जा रहा है कि मंत्रालय के कुछ अधिकारियों को आधिकारिक बैठक में इस तरह गैर सरकारी शख्स का मौजूद रहना रास नहीं आया. कुछ अधिकारियों के मुताबिक बेशक ये मुख्यमंत्री की जानकारी में हुआ, लेकिन कोई आउटसाइडर या गैर जनप्रतिनिधि कैसे सरकारी आधिकारिक बैठक का हिस्सा हो सकता है.
MNS ने उठाया सवाल
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने इंडिया टुडे से कहा, 'ऐसा नहीं होना चाहिए, लेकिन उद्धव ठाकरे के साथ ये बिल्कुल नई सरकार है, जिसे प्रशासनिक अनुभव नहीं है. मैं नहीं समझता कि ये बड़ी चूक है. लेकिन जैसा कि मैंने कहा कि इस तरह की घटना को दोहराया नहीं जाना चाहिए. आधिकारिक चीजें आधिकारिक ही रहनी चाहिए.'
सौरभ वक्तानिया