दफनाने से पहले नवजात पोते का चेहरा देखना चाहती थी दादी, अचानक हिलने लगा 'शव', फिर...

बीड जिले के अंबाजोगाई में एक नवजात को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था, लेकिन 12 घंटे बाद जब परिजन उसे दफनाने जा रहे थे, तब बच्चा जीवित निकला. बच्चे की दादी ने मुंह देखने की जिद की, उसी दौरान बच्चे की हलचल नजर आई. अब बच्चा सरकारी अस्पताल में भर्ती है और हालत स्थिर है.

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दफनाने से पहले जिंदा निकला नवजात (फोटो- आजतक) दफनाने से पहले जिंदा निकला नवजात (फोटो- आजतक)

रोहिदास हातागले

  • बीड,
  • 10 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 7:02 PM IST

महाराष्ट्र के बीड जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. अंबाजोगाई तहसील के स्वामी रामानंद तीर्थ सरकारी अस्पताल में जन्मे एक नवजात को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, लेकिन दफनाने से ठीक पहले वह जिंदा निकला.

यह मामला 7 जुलाई की रात का है. एक महिला ने अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत बता दिया. 12 घंटे तक बच्चे को पेटी में रखा गया. परिजन उसे गांव ले गए और दफनाने की तैयारी कर रहे थे.

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दफनाने से ठीक पहले जिंदा निकला नवजात

बच्चे के दादा सखाराम घुगे ने बताया कि वे मोटरसाइकिल से नवजात को थैली में डालकर ले गए थे. दादी ने दफनाने से पहले बच्चे का चेहरा देखने की जिद की. जब बच्चे को खोला गया, तो उसकी हलचल दिखाई दी. सभी चौंक गए और बच्चा जिंदा था.

बच्चे को तुरंत दोबारा अंबाजोगाई के स्वामी रामानंद तीर्थ अस्पताल में भर्ती कराया गया. अब उसका इलाज चल रहा है और हालत स्थिर बताई जा रही है. बच्चे की मां बालिका घुगे ने बताया कि जब वे अस्पताल से बाहर निकल रहे थे, तभी भी उन्होंने बच्चे की हलचल देखी थी, लेकिन नर्स ने इसे नकार दिया.

जांच के लिए कमेटी का गठन

घटना सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया है. प्रभारी अधिष्ठाता डॉ. राजेश कचरे ने जांच कमेटी बना दी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है.
 

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