विदेश में डॉक्टर की पढ़ाई करने वाली 21 साल की लड़की आई गांव, चुनाव जीतकर बनी सरपंच

महाराष्ट्र के सांगली में 21 साल की एक ऐसी लड़की ने सरपंच पद का चुनाव जीता है जो विदेश में रहकर डॉक्टर की पढ़ाई कर रही थी. छात्रा का नाम यशोधरा शिंदे है जो जार्जिया में मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी. अब उसका लक्ष्य गांव में महिलाओं की स्थिति को बेहतर और उन्हें शिक्षित बनाना है.

Advertisement
यशोधरा शिंदे चुनाव जीतकर बनी सरपंच यशोधरा शिंदे चुनाव जीतकर बनी सरपंच

aajtak.in

  • सांगली,
  • 21 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 5:25 PM IST

महाराष्ट्र के सांगली में एक ऐसी युवती गांव की सरपंच बन गई है जो विदेश में रहकर डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही थी. 21 साल की यशोधरा शिंदे डॉक्टर बनना चाहती थी जिसके लिए वो जॉर्जिया में मेडिकल कॉलेज में पढ़ रही थी लेकिन उसके किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. यशोधरा महाराष्ट्र में अपने गांव लौटी और सरपंच का चुनाव जीत गई.

Advertisement

यशोधरा अब सांगली जिले की मिराज तहसील में अपने गांव वड्डी की बेहतरी के लिए काम करने और अपनी शिक्षा ऑनलाइन पूरी करने की योजना बना रही है.

यशोधरा शिंदे ने कहा कि वह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है, छात्रों के लिए ई-लर्निंग और अन्य शिक्षा उपकरण लाना चाहती है, इतना ही नहीं बच्चों को अच्छी स्वास्थ्य आदतें अपनाने में मदद करना, युवाओं की उम्मीदों को पूरा करना और गांव में किसान समुदाय के कल्याण में योगदान देना चाहती हैं.

उन्होंने कहा, "मैं जॉर्जिया में न्यू विजन यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस कोर्स कर रही हूं, वर्तमान में, मैं चौथे साल में हूं और कोर्स का डेढ़ साल अभी पूरा होना बाकी है. जब मेरे गांव में चुनावों की घोषणा हुई, तो स्थानीय लोग चाहते थे कि हमारे परिवार से कोई सरपंच (ग्राम प्रधान) पद के लिए चुनाव लड़े, इस पद के लिए मुझे मैदान में उतारने का फैसला किया गया, मुझे अपने परिवार से फोन आया और मैं वापस लौट आयी, चुनाव लड़ा और जीत गई " 

Advertisement

बता दें कि महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में  7,682 ग्राम पंचायतों के लिए 18 दिसंबर को मतदान हुआ था जिसके परिणामों की घोषणा मंगलवार को हुई थी. गांव के विकास के लिए सरपंच के रूप में योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर, यशोधरा ने कहा कि उनका मुख्य ध्यान महिलाओं के मुद्दों को हल करना और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करना होगा.

उन्होंने कहा, "मेरा विचार है कि महिलाओं को समान अवसर मिलना चाहिए ताकि वो बता सके कि क्या करने में सक्षम हैं, मैं उन्हें शिक्षित और स्वतंत्र बनाना चाहती हूं. उनकी प्राथमिकता सूची में बच्चों का कल्याण और उनकी शिक्षा भी है. शिंदे ने कहा, "मैं उन्हें ई-लर्निंग और शिक्षा के नए तरीकों के बारे बताना चाहूंगी."
 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement