हरियाणा कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को जेड-प्लस सिक्योरिटी दिए जाने पर सवाल उठाया है. साथ ही चुनाव आयोग से "सुरक्षा के नाम पर भेदभाव" का संज्ञान लेने का आग्रह किया.
कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने कहा कि खट्टर भी भाजपा के उम्मीदवार थे और करनाल सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे. उन्होंने पूछा कि हम पूछना चाहते हैं कि खट्टर को जेड-प्लस सुरक्षा किस आधार पर दी गई है. अगर पूर्व मुख्यमंत्री को जेड-प्लस सुरक्षा दी जानी है, तो दो पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और भूपेंद्र सिंह हुड्डा हैं, लेकिन उनके पास ऐसी सुरक्षा नहीं है.
कांग्रेस विधायक ने पूछा कि क्या कारण है कि केवल एक पूर्व मुख्यमंत्री को ही ऐसा सुरक्षा कवर क्यों दिया गया है. अहमद ने आरोप लगाया कि राजनेताओं को सुरक्षा कवर देने में अलग-अलग पैमाने अपनाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि समान अवसर होने चाहिए और सुरक्षा के नाम पर भेदभाव नहीं होना चाहिए.
कांग्रेस ने कहा कि इससे मतदाताओं पर गलत प्रभाव पड़ता है और चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए. बता दें कि मार्च में खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद हरियाणा सरकार ने खतरे का हवाला देते हुए खट्टर की जेड-प्लस सुरक्षा देने का फैसला किया था.
क्या होती है जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा?
सुरक्षा की ब्लू बुक के मुताबिक हर एक वीवीआईपी को जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी जाती है. इनके चारो तरफ कड़ा सुरक्षा का पहरा होता है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 58, कमांडो जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा में तैनात होते हैं. सुरक्षा मामलों की ब्लू बुक की मानें तो Z प्लस कैटेगरी की सुरक्षा में 10 आर्म्ड स्टैटिक गॉर्ड, 6 PSO एक समय मे राउंड द क्लॉक, 24 जवान 2 एस्कॉर्ट में राउंड द क्लॉक, 5 वॉचर्स दो शिफ्ट में रहते हैं. एक इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर इंचार्ज के तौर पर तैनात रहता है.
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