महिलाओं के लिए प्रेरणा बनीं 62 साल की नवल बेन, कोरोना काल में कमाए 1.10 करोड़ रु

बनासकांठा की 62 साल की नवलबेन दलसंग भाई चौधरी को शुरुआत से ही गाय भैंस पालने का शौक रहा है. लेकिन कोरोना में जब लोगों की नौकरियां जा रही थीं, तब नवलबेन का यही शौक उनकी कमाई का जरिया बना. उन्होंने कोरोना के वक्त में दूध बेचकर ही हैरान कर देने वाली कमाई की.

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प्रतीकात्मक प्रतीकात्मक

गोपी घांघर

  • बनासकांठा.,
  • 10 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST
  • 2020 में नवलबेन ने बेचा 1.10 करोड़ रु का दूध
  • हर महीने 3.50 लाख रुपए का हुआ मुनाफा

कोरोना ने ना सिर्फ लोगों की जान ली, बल्कि इस दौरान ना जाने कितनों की रोजी रोटी भी छिन गई. लेकिन कोरोना काल में गुजरात के बनासकांठा की 62 साल की महिला की कहानी लोगों के लिए प्रेरणा बन गई है. महिला ने कोरोना काल में 1.10 करोड़ रु कमाए हैं. 

दरअसल,  बनासकांठा की 62 साल की नवलबेन दलसंग भाई चौधरी को शुरुआत से ही गाय भैंस पालने का शौक रहा है. लेकिन कोरोना में जब लोगों की नौकरियां जा रही थीं, तब नवलबेन का यही शौक उनकी कमाई का जरिया बना. उन्होंने कोरोना के वक्त में दूध बेचकर ही हैरान कर देने वाली कमाई की. 

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2020 में 1.10 करोड़ रु का बेचा दूध
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नवलबेन ने 2020 में 1.10 करोड़ रुपए का दूध बेचा. उन्हें इससे हर महीने 3.50 लाख रुपए का मुनाफा हुआ. इससे पहले 2019 में उन्होंने 87.95 लाख रु दूध बेचा था. नवलबेन का कहना है कि उन्होंने यह काम 20-25 गाय-भैंस के साथ शुरू किया था. लेकिन आज उनके पस 210 गाय भैंस हैं. 
 


नवलबेन के मुताबिक, आज उनके पास 80 भैंस, 45 गाय हैं. इसके अलावा भैंस-गाय के बछड़े मिलाकर 210 पशु हैं. नवलबेन का पूरा दूध बनासडेरी में जाता हैं. यहां वे रोज सुबह 500 लीटर और शाम को 500 लीटर दूध बेचती हैं. 
 
15 लोगों को दी नौकरी
बनासडेरी के अध्यक्ष शंकर चौधरी ने बताया कि नवलबेन ने अब अपने पशुपालन के काम में 15 लोगों को नौकरी पर रखा है. इन्हें वे हर महीने वेतन देती हैं. नवलबेन को बनासकांठा जिले में दो लक्ष्मी पुरस्कार और तीन सर्वश्रेष्ठ पशुपालक पुरस्कार मिले हैं. 

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