दिल्ली सरकार ने राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण के उल्लंघन करने वाले निर्माण स्थलों पर 7 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया और 48 निर्माण साइटें सील कर दी हैं. इसी अभियान के तहत राजधानी के विभिन्न हिस्सों में 1,756 निरीक्षण किए गए. यह कार्रवाई दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिस्सा के नेतृत्व में की गई.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मंत्री सिस्सा ने बताया कि यह कार्रवाई किसी भी निजी या सरकारी एजेंसी के प्रति भेदभाव किए बिना की गई है. उन्होंने सभी जिलों के अधिकारियों को 7 दिनों के भीतर सभी उद्योगों और निर्माण स्थलों का सर्वेक्षण करने और नियमों का पालन न करने वाले यूनिटों पर तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
MCD और अन्य एजेंसियों को भी टूटी सड़कों, गड्ढों और धूल पैदा करने वाले खुले क्षेत्रों का नक्शा तैयार करके रिपोर्ट देने को कहा गया.
निगरानी और जुर्माना
DPCC ने इस अभियान के दौरान 1,756 निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया. 556 नोटिस जारी किए, 7 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया और 48 निर्माण साइटें धूल और कचरा प्रबंधन नियमों का उल्लंघन करने के कारण सील की. पिछले दो दिनों में केवल 230 साइटों पर निरीक्षण किया गया, जिसमें निजी और सरकारी एजेंसियों जैसे MCD, PWD, DDA, DSIIDC और DMRC की साइटें शामिल थीं. इन निरीक्षणों में 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया.
उद्योग और अवैध निर्माण पर कड़ी कार्रवाई
मंत्री सिस्सा ने चेतावनी दी कि गैर-कानूनी उद्योग और निर्माण जो आबादी वाले इलाकों में प्रदूषण फैलाते हैं, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी. DPCC टीमें ऐसे यूनिटों की पहचान कर उन्हें बंद कर रही हैं.
सरकार ने बताया कि इस साल 42,000 से अधिक गड्ढे भरे गए, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने से अधिक हैं. राजधानी में 350 नई मिस्ट स्प्रेइंग मशीनें, 100 मैकेनिकल रोड स्वीपर और 1,000 लिटर पिकर लगाए जा रहे हैं. राजधानी में पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या दिसंबर 2024 में 3.46 लाख से बढ़कर नवंबर 2025 में 4.54 लाख हो गई है. खुले बायोमास जलाने पर नियंत्रण के लिए 1,823 एन्फोर्समेंट टीमों को तैनात किया गया है.
सर्दियों में सुरक्षा और जागरूकता
सरकार ने बताया कि अब तक 1,407 RWAs में 3,377 इलेक्ट्रिक हीटर वितरित किए गए हैं, और कुल 10,000 हीटर पूरे शहर में पहुंचाए जाएंगे ताकि लोग खुले में आग न जलाएं. सिस्सा ने कहा, "कॉन्ट्रैक्टर्स को हीटर प्रदान करना अनिवार्य है. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी. दिल्ली सरकार जल्द ही IIT दिल्ली और IIT मद्रास के साथ MoU करेगी ताकि शहर के प्रदूषण स्रोतों का वैज्ञानिक अध्ययन किया जा सके. इसके अलावा, इनोवेशन चैलेंज के तहत 278 एंट्री मिली हैं, जिनमें से 200 तकनीकी जांच के लिए पास की गई हैं."
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