मंगलवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई. हल्की धुंध की परत ने शहर के कई हिस्सों को ढक लिया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सुबह 8 बजे दिल्ली का ए़क्यूआई 292 रहा. इंडिया गेट और कर्तव्य पथ जैसे इलाके धुंध की परत के पीछे आंशिक रूप से छिपे दिखाई दिए, इस क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 265 दर्ज किया गया. आईटीओ पर एक्यूआई 294, अलीपुर में 282, आयानगर में 253 और बुराड़ी में 291 रहा.
यहां 300 पार AQI
मंगलवार को अक्षरधाम में प्रदूषण स्तर काफी अधिक रहा, यहां एक्यूआई 319 तक पहुंच गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. इसके अलावा गाजीपुर और आनंद विहार में भी इसी तरह की स्थिति रही, जहां ए़क्यूआई 319 दर्ज किया गया. अन्य कई प्रमुख स्टेशनों जैसे अशोक विहार (305), बवाना (342), चांदनी चौक (333) और द्वारका (314) भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहे.
सीपीसीबी के अनुसार, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को 6 श्रेणियों में बांटा गया है. हर श्रेणी प्रदूषण के स्तर और उससे जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को दर्शाती है. 0 से 50 के बीच का एक्यूआई "अच्छा" माना जाता है. 51 से 100 के बीच का एक्यूआई "संतोषजनक" श्रेणी में आता है, जहां वायु गुणवत्ता ठीक मानी जा सकती है, हालांकि संवेदनशील समूह जैसे बच्चे, बुजुर्ग और सांस संबंधी समस्याओं वाले लोगों को हल्की असुविधा हो सकती है.
मध्यम श्रेणी, जो कि 101 से 200 तक होती है, प्रदूषण स्तर में बढ़ोतरी को दर्शाती है और यह अस्थमा, फेफड़ों की बीमारियों या हृदय रोग से पीड़ित लोगों में सांस लेने में कठिनाई पैदा कर सकती है.
201 से 300 के बीच का एक्यूआई "खराब" माना जाता है. इस स्तर पर लंबे समय तक संपर्क में रहने से अधिकांश लोगों को सांस लेने में असुविधा हो सकती है.यह स्तर देश की राजधानी के कई हिस्सों में तेजी से आम होता जा रहा है.
301 से 400 के बीच का ए़क्यूआई "बहुत खराब" माना जाता है, जो लंबे समय तक संपर्क में रहने पर स्वस्थ व्यक्तियों में भी सांस संबंधी बीमारियों का खतरा पैदा कर सकता है. सबसे खतरनाक श्रेणी "गंभीर" मानी जाती है, जिसमें एक्यूआई 401 से 500 तक होता है. इस स्तर पर वायु गुणवत्ता सभी के लिए खतरनाक मानी जाती है.
आजतक एग्रीकल्चर डेस्क