असम: हाथियों को भगाने के लिए फायरिंग, गोली लगने से दो साल के बच्चे की मौत

पुलिस के साथ वन विभाग के कर्मियों ने हाथियों के झुंड को जंगल की ओर भगाने के लिए हवाई फायरिंग की. इस दौरान गलती से एक गोली बच्चे और उसकी मां को लग गई, जो घटनास्थल के पास से घर लौट रही थी.

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परिजन के गोद में मृत मासूम. परिजन के गोद में मृत मासूम.

हेमंत कुमार नाथ

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  • 11 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 4:41 PM IST
  • गोली लगने से बच्चे की मां भी हुई घायल
  • वन मंत्री ने घटना के जांच के आदेश दिए

असम में हाथियों के झुंड को भगाने के लिए वन विभाग की ओर से की गई फायरिंग में दो साल के एक बच्चे की मौत हो गई जबकि उसकी मां घायल हो गई. महिला को इलाज के लिए गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है. शुक्रवार को हुई ये घटना कामरूप जिले के बोनाडापारा इलाके की है.

जानकारी के अनुसार, धान के खेत में एक व्यक्ति को हाथियों के झुंड ने घायल कर दिया था. स्थानीय लोगों ने वन अधिकारियों और स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस के साथ वन विभाग के कर्मियों ने हाथियों के झुंड को जंगल की ओर भगाने के लिए हवाई फायरिंग की. इस दौरान गलती से एक गोली बच्चे और उसकी मां को लग गई, जो घटनास्थल के पास से घर लौट रही थी.

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अस्पताल में भर्ती बच्चे की मां.

स्थानीय लोग, पुलिस और वन विभाग के कर्मियों ने बच्चे और उसकी मां को बोको इलाके के एक अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया जबकि उसकी मां की हालत गंभीर देखते हुए गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया.

मृत बच्चे के पिता ने कहा कि मेरी पत्नी दो साल के बेटे को लेकर गांव के अन्य लोगों के साथ हाथियों के झुंड को देखने गई थी. वहां से लौटने के दौरान पत्नी और बेटे को गोली लग गई. उधर, घटना के बाद स्थानीय लोगों ने नेशनल हाइवे-17 को कई घंटों तक जाम कर दिया और जांच की मांग की. वहीं, घटना को लेकर असम के वन मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य ने कहा कि वन विभाग की एक उच्च-स्तरीय टीम को बच्चे की मौत के तथ्यों का पता लगाने के लिए उस क्षेत्र में भेजा गया है.

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