Loksabha Election-उलुबेरिया में 81.16 फीसदी वोटिंग, EVM में लॉक हुई 10 उम्मीदवारों की किस्मत

उलुबेरिया संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव के लिए सोमवार को वोट डाले गए. चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक उलुबेरिया में लोगों ने जमकर वोटिंग हुई.

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मतदान की फाइल फोटो (फोटो-इंडिया टुडे आर्काइव) मतदान की फाइल फोटो (फोटो-इंडिया टुडे आर्काइव)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 मई 2019,
  • अपडेटेड 8:33 AM IST

पश्चिम बंगाल की उलुबेरिया संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव के लिए सोमवार को वोट डाले गए. चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक उलुबेरिया में लोगों ने जमकर वोटिंग हुई.यहां पर 81.16 फीसदी मतदान हुआ. वहीं पश्चिम बंगाल की सात सीटों पर 79.07 फीसदी वोटिंग हुई.

इस सीट पर 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी ने जॉय बनर्जी को, माकपा ने मकसूदा खातून को, तृणमूल कांग्रेस ने सजदा अहमद को, कांग्रेस ने शोमा रानीश्री रॉय को, राष्ट्रीय जनाधिकार सुरक्षा पार्टी ने अलीमुद्दीन नजीर को, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) ने मिनाती सरकार को और इंडियन यूनिटी सेंटर ने सिमल सरेन को टिकट दिया है. इसके अलावा 3 प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.

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उलुबेरिया पश्चिम बंगाल का महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र है. इसकी स्थापना 1952 में की गई थी. यह ऐसी संसदीय सीट है जिस पर कम्युनिस्टों ने बहुत पहले ही धमक दे दी थी. 1957 के चुनाव में यहां से फॉरवर्ड ब्लॉक ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी थी, जबकि पूरे देश में कांग्रेस के सांसद जीत रहे थे. यह संसदीय क्षेत्र हावड़ा जिले में आता है.

1952 में यहां से इंडियन नेशनल कांग्रेस के सत्यबान राय विजयी हुए थे. 1957 में एफबीएम फॉरवर्ड ब्लॉक (Marxist) के एम. के. अरबिंदा घोषाल विजयी हुए. 1962 में इंडियन नेशनल कांग्रेस ने फिर इस सीट पर कब्जा कर लिया और पुनेंदु खान यहां से सांसद चुने गए. 1967 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के जे. के. मंडल को सफलता मिली लेकिन 1971 आते-आते सीपीएम ने यहां पर अपनी पकड़ मजबूत बना ली.

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1971 में यहां से सीपीएम के प्रसाद भट्टाचार्य चुनाव जीते. 1977 में भी श्यामा प्रसन्ना भट्टाचार्य को सफलता मिली. 1980 में भी सीपीएम के हन्नान मोल्लाह को यहां से सफलता मिली और 1984, 1989, 1991, 1996, 1998 1999, 2000 तक 2004 तक सीपीएम के हन्नान मोल्लाह ने इस सीट पर कब्जा बनाए रखा लेकिन एक परिवर्तन आ चुका था कि पहले उनकी लड़ाई इंडियन नेशनल कांग्रेस से होती थी लेकिन 1999 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस मुकाबले में आ गई. 2004 में भी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस दूसरे नंबर पर थी.

2009 में बाजी पलट गई और ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के अहमद सुल्तान ने कई बार से सांसद रहे हन्नान मोल्लाह को पराजित कर दिया. हन्नान मोल्लाह 1980 से 2004 तक लगातार सांसद रहे थे और उन्हें सीपीएम का कद्दावर नेता माना जाता था. सांसद सुल्तान अहमद का दिल का दौरा पड़ने से 4 सितंबर 2017 को निधन हो गया था. इसके बाद यहां पर उप चुनाव कराया गया. टीएमसी ने उनकी पत्नी सजदा अहमद को यहां से खड़ा किया. सजदा अहमद ने बीजेपी के अनुपम मलिक को 4,74,023 वोटों से हराया.

उलबेरिया संसदीय क्षेत्र हावड़ा जिले में आता है. 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की आबादी 2051790 है. यहां की आबादी में 69.55 फीसदी शहरी और 30.45 पर्सेंट ग्रामीण लोग हैं. यहां अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति की आबादी का प्रतिशत क्रमश:  19.63  और .15 फीसदी है. 2017 की वोटर लिस्ट के मुताबिक यहां वोटर्स की संख्या 1540 916 है. यहां की आधिकारिक भाषा बांग्ला है. अंग्रेजी और उर्दू भी बोली जाती है.

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