चुनावी तारीखों के ऐलान के बाद बिहार में एनडीए और महागठबंधन अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. लेकिन हकीकत यह है कि अब तक किसी भी गठबंधन में सीटों का बंटवारा तय नहीं हो पाया है. एनडीए के भीतर सबसे ज्यादा नजरें लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर टिकी हैं, जिनकी सीटों की मांग ने बीजेपी-जेडीयू के लिए नई मुश्किल खड़ी कर दी है.
एनडीए में सीट शेयरिंग पर बनी पेचीदगी सुलझ नहीं पा रही है. एक दिन पहले यानी मंगलवार को बीजेपी के नेताओं ने दिल्ली में चिराग के घर पहुंचकर सीट शेयरिंग पर बात की. उसके बाद चिराग बिहार दौरे पर आ गए. अब बुधवारर को चिराग पासवान ने अपने पिता रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सियासी संदेश दे दिया. उन्होंने X पर लिखा, पापा हमेशा कहा करते थे- जुर्म करो मत, जुर्म सहो मत. जीना है तो मरना सीखो. कदम-कदम पर लड़ना सीखो.
चिराग ने एक अन्य पोस्ट में लिखा, पापा, आपकी पुण्यतिथि पर आपको मेरा नमन. मैं विश्वास दिलाता हूं कि आपके दिखाए मार्ग और आपके विजन 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' को साकार करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हूं. बिहार के समग्र और सर्वांगीण विकास का जो सपना आपने देखा था, अब समय आ गया है उसे धरातल पर उतारने का. आपने मेरे कंधों पर जो जिम्मेदारी सौंपी थी, उसे निभाना मेरे जीवन का उद्देश्य और कर्तव्य है. बिहार में लोकतंत्र का महापर्व शुरू होने जा रहा है.
चिराग ने आगे लिख, आगामी चुनाव आपके संकल्प को पूरा करने का अवसर है. बिहार को नई दिशा देने, हर बिहारी के सपनों को साकार करने का अवसर है. आपके द्वारा बनाई गई लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के कारवां को आगे बढ़ाने के लिए मैं दृढ़ संकल्पित हूं. पार्टी के हर एक कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों का सपना है कि आगामी चुनाव में आपके सपनों को पूरा किया जा सके. पापा, आपकी प्रेरणा- आशीर्वाद और आदर्श सदैव मेरे मार्गदर्शक रहेंगे.
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इस पोस्ट को राजनीतिक हलकों में उनके असंतुष्ट होने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी और जेडीयू पहले ही 205 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके हैं, जबकि बची 38 सीटों को सहयोगी दलों एलजेपी (राम विलास), हम (HAM) और राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLM) के बीच बांटने पर चर्चा चल रही है.
चिराग को 25 सीटों का ऑफर
बीजेपी ने चिराग पासवान की पार्टी को 25 सीटों का ऑफर दिया है, जबकि जीतन राम मांझी को 7 और उपेंद्र कुशवाहा को 6 सीटें देने का फॉर्मूला है. सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान कम से कम 35 सीटों की मांग पर अड़े हैं. यही वजह है कि सीटों पर अंतिम मुहर नहीं लग सकी है.
चिराग की शर्तें और बीजेपी की दुविधा
सूत्रों का कहना है कि चिराग पासवान ने बीजेपी के सामने साफ शर्त रखी है कि सीटों का बंटवारा 2024 लोकसभा चुनाव में जीती गई 5 सीटों और 2020 विधानसभा प्रदर्शन के आधार पर होना चाहिए. इसके अलावा, वे चाहते हैं कि उनकी पार्टी की जीती हुई लोकसभा सीटों में आने वाली विधानसभा सीटों में से कम से कम दो सीटें उन्हें दी जाएं.
चिराग पासवान विशेष तौर पर ब्रह्मपुर और गोविंदगंज सीट चाहते हैं. ब्रह्मपुर सीट से वे अपने संसदीय बोर्ड अध्यक्ष हुलास पांडे को उतारना चाहते हैं, जबकि गोविंदगंज सीट अपने प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी के लिए मांग रहे हैं. यह सीट पिछली बार बीजेपी ने जीती थी.
बीजेपी की दिक्कत यह है कि अगर चिराग को ज्यादा सीटें दी जाती हैं तो मांझी और कुशवाहा की सीटें घटानी पड़ेंगी. लेकिन मांझी के हालिया सख्त तेवरों को देखते हुए यह फैसला बीजेपी के लिए आसान नहीं दिखता.
बैठकों का दौर, पर नतीजा अधूरा
सीटों पर चल रहे इस घमासान के बीच जीतन राम मांझी आज असम के आधिकारिक दौरे पर रवाना हो रहे हैं. जबकि चिराग पासवान खगड़िया में अपने पिता की पुण्यतिथि कार्यक्रम में शामिल होंगे.
उधर, पटना में आज बीजेपी की बड़ी बैठक बुलाई गई है. इसके बाद दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक होगी, जिसमें सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है.
सूत्रों का कहना है कि यदि चिराग पासवान अपनी मांग पर कायम रहे तो एनडीए के भीतर कुछ सीटों को लेकर आखिरी वक्त तक खींचतान जारी रह सकती है.
बिहार में पहले चरण का नामांकन 10 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. पहले चरण का मतदान 6 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा. 14 नवंबर को बिहार चुनाव के नतीजे आएंगे.
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