केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपतियों के 22 पद खाली हैं. शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को राज्यसभा सत्र के दौरान इसकी जानकारी दी. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इस मंत्रालय के तहत केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुल 22 कुलपतियों के पद खाली हैं, जिनमें से 12 पदों पर नियुक्तियों को पहले ही विजिटर की ओर से अंतिम रूप दिया जा चुका है.
शिक्षामंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की रिक्तियों को भरना एक सतत प्रक्रिया है. केंद्रीय विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया एक समय लेने वाली प्रक्रिया है, जिसमें संबंधित केंद्रीय विश्वविद्यालय के कार्यकारी परिषद/न्यायालय का नामांकन प्राप्त करना, सर्च कम सेलेक्शन कमेटी का गठन, पदों के लिए विज्ञापन और फिर शॉर्ट लिस्ट हुए आवेदनों की जांच आदि शामिल है. इसके बाद उम्मीदवारों के साथ बातचीत, सतर्कता मंजूरी प्राप्त करना, सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी आदि सब मिलाकर इसमें किसी समय-सीमा का संकेत नहीं दिया जा सकता है.
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षण पदों पर भी कई रिक्तियां
अगर विश्वविद्यालयों में शिक्षण पदों पर रिक्तियों की बात करें तो शिक्षण कार्य के लिए भी कई पद खाली हैं. इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय में 846 रिक्तियां हैं जबकि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), वाराणसी में रिक्त पदों की संख्या 422 और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षण पदों पर 598 रिक्तियां थीं.
छात्रों की ड्रॉपआउट दर
अमनदीप शुक्ला