Public Exam Bill 2024: प्रतियोगी परीक्षा यानी करियर के प्रवेश द्वार की चाभी. UPSC-JEE-NEET-SSC से लेकर देश में हर नौकरी का पहला चरण प्रतियोगी परीक्षा है. बीते कुछ सालों से इन परीक्षाओं को पास करने का सपना देखने वाले मेहनती छात्रों के लिए पेपर लीक एक ऐसा विश्वासघात बन गया है जो पूरे सिस्टम की शुचिता को कटघरे में खड़ा करता है. इसी समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथान) विधेयक 2024 पेश किया है. आइए जानते हैं कि आखिर इस बिल की हमें जरूरत क्यों पड़ी. एक्सपर्ट इस पर क्या कहते हैं?
बीते पांच साल से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे राजस्थान के रहने वाले अभ्यर्थी धीरज विश्नोई कहते हैं कि पेपर लीक एक ऐसी खाईं है जिसमें हमारे सपने, उम्मीदें और उम्र सब डूब जाते हैं. वो कहते हैं कि प्रतियोगी परीक्षाओं की शुचिता विश्वास पर टिकी होती है. हम परीक्षार्थी के तौर पर जिस पर भरोसा करके अपने कई साल की मेहनत, त्याग, माता-पिता की कमाई और कठिन परिश्रम लगाते हैं. लाखों छात्र परीक्षाओं की तैयारी के लिए छोटी-सी उम्र में अपना घर छोड़ देते हैं. ऐसे में सरकार की ओर से सख्त कानून बहुत जरूरी हो जाता है.
कोटा में लंबे समय तक कोचिंग शिक्षक रहे शशि प्रकाश सिंह कहते हैं कि पेपर लीक जैसी घटनाएं परीक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं. इससे न सिर्फ छात्र बल्कि टीचर्स की मेहनत बर्बाद होती है और उम्मीदें टूटती हैं. कुछ लालची चंद पैसों की खातिर युवाओं में अविश्वास पैदा करते हैं. लोक परीक्षा बिल 2024 की वाकई बहुत जरूरत है. इससे परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों को सौ बार सोचना पड़ेगा क्योंकि पकड़े जाने पर उन्हें 10 साल की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना झेलना पड़ सकता है.
बिल पास होना क्यों जरूरी है?
लोक एग्जाम बिल 2024 के सवाल पर दिल्ली के जाने माने स्कूल में गणित शिक्षक राजीव झा कहते हैं कि इस तरह के बिल आने से बच्चों में प्रतियोगी परीक्षाओं की शुचिता पर विश्वास बहाल होगा. ये कानून पेपर लीक माफियाओं पर अंकुश लगाएगा.
दिल्ली पेरेंट्स ऐसोसिएशन की अपराजिता गौतम कहती हैं कि कई पेरेंट्स अपने जीवन की सारी जमापूंजी बच्चों की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगा देते हैं. सरकार भी इसकी शुचिता बनाए रखने के लिए नियामक एजेंसियों के जरिये मोटी रकम निवेश करती है, फिर भी इस पर रोक नहीं लग पा रही. हाल ही में कई राज्यों से पेपर लीक की खबरें आईं हैं. सख्त कानून न होने से ये नकल माफिया और भी सक्रिय हो रहे हैं. सोशल मीडिया के दौर में पेपर लीक करने वालों के लिए अपने मंसूबे पूरे करना आसान हो गया है, ऐसे में इस तरह का कानून बहुत जरूरी था.
पेपर लीक पर मिलेगी 10 साल की सजा
दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में लोक परीक्षा बिल 2024 पेश किया है. इस बिल में प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी, डमी कैंडिडेट्स और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के लिए कई कड़े प्रावधान शामिल किए गए हैं. पेपर लीक मामले में अपराध साबित होने पर दोषी को 10 साल की जेल और एक करोड़ रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है. वहीं डमी कैंडिडेट्स यानी दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान किया जाएगा. इसके अलावा अगर कोई संस्थान पेपर लीक मामले में शामिल पाया जाता है तो उससे परीक्षा का पूरा खर्च वसूली जाएगी, साथ ही उसकी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है.
पेपर लीक पर कड़े कानून की जरूरत क्यों पड़ी?
कई राज्यों में पेपर लीक की वजह से परीक्षाएं रद्द करनी पड़ती हैं और दोबारा करानी पड़ती हैं. खासकर राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, तेलंगाना और गुजरात में पिछले कई सालों में पेपर लीक कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. पेपर लीक वजह से न सिर्फ राज्य सरकार पर अतिरिक्त खर्च का बोझ बढ़ता है बल्कि उसकी छवि खराब होती है, परीक्षार्थियों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती हैं और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन को छात्र-अभिभावकों के विरोध का सामना करना पड़ता है.
हालांकि कई राज्यों में इसके लिए कड़े कानून हैं लेकिन नेशनल लेवल पर पेपर लीक और नकल की घटनाओं पर नकेल कसने के लिए इसके खिलाफ कोई कानून नहीं है. अब केंद्र की ओर से लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथान) विधेयक 2024 पेश किया गया है.
किन-किन परीक्षाओं पर लागू होगा पेपर लीक बिल?
सरकारी भर्ती की प्रतियोगी परीक्षाएं जैसे यूपीएससी, रेलवे, बैंकिंग, एसएससी, स्टेट लेवल कॉम्पिटेटिव एग्जाम पर यह बिल लागू होगा. इसके अलावा मेडिकल और इंजीनियिरिंग एंट्रेंस एग्जाम यानी नीट-जेईई पर भी यह बिल लागू किया जाएगा. हर साल लाखों छात्र इन दोनों परीक्षाओं में शामिल होते हैं.
मानसी मिश्रा / अमन कुमार