पंजाब में गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का खास गुर्गा गिरफ्तार, 5 पिस्तौल और 10 जिंदा कारतूस बरामद

Punjab Police: पंजाब पुलिस ने संगठित अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता दर्ज की है. गैंगस्टर विरोधी टास्क फोर्स (AGTF) ने गोल्डी बराड़ के खास साथी बलजिंदर सिंह उर्फ रैंच को गिरफ्तार कर उसके पास से पांच पिस्तौल और 10 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं.

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पंजाब पुलिस का बड़ा ऑपरेशन, गोल्डी बराड़ गिरोह की सनसनीखेज साजिश नाकाम. (Photo: ITG) पंजाब पुलिस का बड़ा ऑपरेशन, गोल्डी बराड़ गिरोह की सनसनीखेज साजिश नाकाम. (Photo: ITG)

aajtak.in

  • चंडीगढ़,
  • 07 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:33 PM IST

पंजाब पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के कुख्यात गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के नेटवर्क पर बड़ा वार किया है. रविवार को गैंगस्टर विरोधी टास्क फोर्स (AGTF) ने एक अहम ऑपरेशन में उसके करीबी सहयोगी बलजिंदर सिंह उर्फ रैंच को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उसके कब्जे से .32 बोर की पांच पिस्तौलें और 10 जिंदा कारतूस बरामद किए.

पंजाब पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने जानकारी दी कि बलजिंदर सिंह बठिंडा के माही नांगल का रहने वाला है और उसका आपराधिक इतिहास रहा है. उस पर भारतीय दंड संहिता और एनडीपीएस एक्ट के तहत मामले दर्ज हैं. रैंच गोल्डी बराड़ के गिरोह के लिए अवैध हथियारों की सप्लाई में सक्रिय रूप से शामिल था.

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डीजीपी ने बताया कि शुरुआती जांच में यह साफ हुआ है कि बरामद हथियार गोल्डी बराड़ के इशारे पर खरीदे गए थे. इस सप्लाई चेन को उसका मुख्य सहयोगी मलकीत सिंह उर्फ कित्ता भानी ऑपरेट कर रहा था, जो इस वक्त कपूरथला जेल में बंद है. वहीं से गिरोह को निर्देश दे रहा था. इस गिरोह का मकसद पंजाब में शांति और सद्भाव को बिगाड़ना था. 

उन्होंने कहा कि पुलिस अब इस नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है ताकि पूरे गठजोड़ और इसके पीछे छिपे चेहरों का पर्दाफाश किया जा सके. ऑपरेशन के बारे में विस्तार से बताते हुए एडीजीपी प्रमोद बान ने कहा कि डीएसपी जसपाल सिंह की अगुवाई में एक स्पेशल टीम गठित की गई थी. इस टीम को पुख्ता इनपुट मिला था.

इसमें पता चला कि गोल्डी गैंग पंजाब में किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहा है. इसके बाद तुरंत कार्रवाई की गई. श्री मुक्तसर साहिब जिले के मलौत-मुक्तसर रोड पर नए बाईपास फ्लाईओवर के नीचे से बलजिंदर उर्फ रैंच को दबोच लिया गया. उसके खिलाफ थाना सदर मलोट में शस्त्र अधिनियम की धारा 25 और 25(7)(8) के तहत केस दर्ज किया गया है. 

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