दिल्लीः किशन पहलवान गैंग का मेंबर सुनील दाहिया गिरफ्तार, पिस्टल और जिंदा कारतूस बरामद

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नजफगढ़ से किशन पहलवान गैंग के पूर्व कबड्डी खिलाड़ी सुनील दाहिया को गिरफ्तार कर लिया है. वो एक हत्या की कोशिश के मामले में वॉन्टेड चल रहा था. पुलिस ने सुनील के पास से एक ऑटोमैटिक पिस्टल और दो जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं.

Advertisement
आरोपी सुनील दाहिया. आरोपी सुनील दाहिया.

तनसीम हैदर

  • नई दिल्ली,
  • 26 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 8:12 AM IST
  • हत्या के मामले में वॉन्टेड था सुनील
  • एक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल बरामद

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने किशन पहलवान गैंग (Kishan Pehalwan Gang) के पूर्व कबड्डी खिलाड़ी सुनील दाहिया (Sunil Dahiya) को गिरफ्तार कर लिया है. सुनील काफी लंबे वक्त से हत्या की कोशिश (Attempt to Murder Case) के मामले में वॉन्टेड चल रहा था. पुलिस ने सुनील के पास से एक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल और दो जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं.

दिल्ली में किशन पहलवान और हेमंत गैंग के बीच पुरानी रंजिश है. हेमंत पहले से ही तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में बंद है. दोनों पक्षों के बीच कई बार गैंगवॉर हो चुका है. इसी साल जनवरी में सुनील ने अपने चाचा जय भगवान और साथी राजेश के साथ मिलकर हेमंत गैंग के करीबी अमित शौकीन को गोली मारकर घायल कर दिया था. उसके चाचा जय भगवान और दोस्त राजेश को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन सुनील तभी से फरार चल रहा था. 

Advertisement

क्राइम ब्रांच ने नजफगढ़ के कैरी गांव में जाल बिछाया और सुनील को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से एक 7.65 एमएम की सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल और दो जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं. 32 साल के सुनील ने खुलासा किया कि वो कबड्डी खिलाड़ी और कोच रह चुका है और दिल्ली के जाफरपुर में 'भारत माता स्पोर्ट्स क्लब' नाम से अपना स्पोर्ट्स क्लब चलाता है.

ये भी पढ़ें-- गर्लफ्रेंड के लिए बन गया नकली दरोगा, खरीदी पुलिस की वर्दी, दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार

उसने बताया कि उसके चाचा जय भगवान पेशे से ठेकेदार हैं और दिल्ली के नवादा और नजफगढ़ इलाके में काम करते हैं. वो अपने चाचा जय भगवान के माध्यम से ही किशन पहलवान से मिला और बाद में उसके गिरोह में शामिल हो गया.

क्या है पूरा मामला?

Advertisement

11 जनवरी 2021 को सुनील दहिया अपने चाचा जय भगवान के साथ अपने दोस्त के घर पर मौजूद था. इसी दौरान अमित शौकीन संपत्ति के सौदे के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए आया था. लेकिन अलग-अलग गैंग से होने के कारण तीखी बहस होने लगी. अमित के हेमंत गैंग के काफी करीबी होने के कारण बहस हाथापाई में बदल गई. मौका पाकर दोस्त की कार में सवार होकर अमित वहां से भागने में सफल रहा.
 
अमित के चले जाने के बाद सुनील ने उसे सबक सिखाने का फैसला किया. जिसके बाद सुनील अपने साथियों के साथ ढिचाऊंकलां गांव में अमित के घर पहुंचा और उसे बाहर बुलाया. वहां पहुंचकर उन्होंने अमित और उसके चचेरे भाई अंकुश को गोली मार दी. अमित को दाहिने हाथ में तो अंकुश को सीने में गोली लगी. बाद में अमित की शिकायत पर हत्या की कोशिश का केस दर्ज किया गया. जय भगवान और राजेश को पुलिस ने कुछ ही दिनों में गिरफ्तार कर लिया था.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement