देश के मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों से तैयार रहने को कहा है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बातचीत में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौजूदा आर्थिक परिस्थितियां कुछ चुनौतियां खड़ी कर सकती हैं, इसलिए बैंकों को पूरी मुस्तैदी के साथ मुकाबला करने के लिए तैयार रहना चाहिए.
रिजर्व बैंक की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘गवर्नर ने बैंकों से कहा कि वह उभरती चुनौतियों का मुकाबला करने के लिये पूरी तरह से मुस्तैद रहें. इस मामले में उन्होंने खासतौर से दबाव वाली संपत्तियों के समाधान में समन्वित तरीके से काम करने को कहा. ’’ आरबीआई गवर्नर ने ये बात ऐसे समय में कही है जब देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ छह साल के निचले स्तर पर है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 4.5 फीसदी पर पहुंच गई है. इसे देखते हुए रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि का अनुमान भी कम करके 5 फीसदी कर दिया है. हालांकि शक्तिकांत दास ने इस बात पर भी गौर किया कि बैंकिंग क्षेत्र में सुधार आ रहा है और यह मजबूत बना हुआ है.
इसके साथ ही शक्तिकांत दास ने बैंक प्रमुखों के साथ रेपो रेट में की गई कटौती का लाभ आखिरी लाभार्थी तक पहुंचाने पर भी विचार विमर्श किया. बता दें कि आर्थिक सुस्ती का हवाला देते हुए इस साल आरबीआई ने 5 बार रेपो रेट में कटौती की थी. हालांकि केंद्रीय बैंक ने बीते सप्ताह की गई समीक्षा में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया. लेकिन आरबीआई ने महंगाई को लेकर चिंता जरूर जाहिर की है. इसके साथ ही आरबीआई ने महंगाई दर का अनुमान भी बढ़ा दिया है. इसका मतलब ये हुआ कि होली तक लोगों को महंगाई से राहत नहीं मिलेगी.