कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम (WFH) और ऑनलाइन स्कूलिंग (Online Schooling) की वजह से बड़े घरों की डिमांड में इजाफा हुआ है. नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के मुताबिक बीते 2 साल में 50 लाख से ज्यादा कीमत के घरों की बिक्री में काफी बढ़ोतरी हुई है. इसमें सबसे ज्यादा बढ़ोतरी 1 करोड़ से ज्यादा कीमत के घरों की हुई है.
कोरोना ने अर्थव्यवस्था (Economy) में योगदान करने वाले सभी सेक्टर्स को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है. लेकिन जब-जब कोविड-19 की लहरों के कमजोर पड़ने की खबरें सामने आईं, तब-तब इकोनॉमी ने भी जोरदार तरीके से बाउंस बैक किया. वापसी के इसी जोश को दिखाने में रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) भी पीछे नहीं रहा है.
लग्जरी घरों की बिक्री में इजाफा
नाइट फ्रैंक (Knight Frank) की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बीते दो साल में 50 लाख रुपये से ज्यादा के मकानों की हिस्सेदारी 52 से बढ़कर 60 फीसदी हो गई है. इसमें भी सबसे ज्यादा बढ़ोतरी एक करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत वाले मकानों की हुई. 2021 की दूसरी तिमाही में 1 करोड़ से ज्यादा दाम वाले मकानों की बिक्री 283 फीसदी बढ़ी है, तीसरी तिमाही में इसमें 89 फीसदी और चौथी तिमाही में 32 फीसदी इजाफा हुआ है.
जानकारों का मानना है कि ये आंकड़े डेवलपर्स के उन दावों को सही साबित करते हैं, जिसमें वो लगातार कह रहे थे कि कोरोना के बाद से बड़े साइज के घरों की डिमांड में इजाफा हुआ है. नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के मुताबिक 50 लाख से 1 करोड़ कीमत वाले मकानों की बिक्री 2021 की दूसरी तिमाही में 155 फीसदी, तीसरी तिमाही में 107 फीसदी और चौथी तिमाही में 8 फीसदी बढ़ी है.
रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी
नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, 50 लाख से कम कीमत वाले मकानों की बिक्री 2021 की दूसरी तिमाही में 175 फीसदी तीसरी तिमाही में 82 फीसदी, और चौथी तिमाही में 8 फीसदी ही बढ़ी है. अलग-अलग शहरों में कोविड के बाद 80 लाख रुपये या इससे ज्यादा कीमत के मकानों की बिक्री 15 से 30 फीसदी तक बढ़ी है
महंगे घरों की बिक्री के बूते रियल एस्टेट सेक्टर में सालाना 18 फीसदी की ग्रोथ देखी जा रही है. इस रफ्तार से अनुमान है कि 2030 तक रियल एस्टेट सेक्टर का मार्केट एक हजार अरब डॉलर यानी लगभग 76.19 लाख करोड़ रुपए का होगा.
अगले 3 सालों में इस सेक्टर का देश की जीडीपी में योगदान भी मौजूदा 6 से 7 फीसदी से बढ़कर 13 फीसदी हो सकता है. हालांकि इन आंकड़ों के सही साबित होने में कोरोना जैसे ब्रेकर्स के ना आने का बड़ा रोल रहेगा.
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