अशोक चौधरी ने एक कविता सोशल मीडिया पर पोस्ट की और बिहार की सियासत में हुआं-हुआं का स्वर गूंजने लगा. जेडीयू के नेता-प्रवक्ता का बोलना तो फर्ज ही था, लेकिन एनडीए घटक भाजपा और आरएलएम सुप्रीमो उपेंद्र कगुशवाहा ने भी शोर मचाना शुरू कर दिया. अशोक चौधरी की लानत-मलामत शुरू हो गई. नीतीश कुमार ने सस्पेंस का छौंका लगा दिया.