ओडिशा पुलिस ने जूनियर इंजीनियर (सिविल) भर्ती परीक्षा 2023 के सवाल पत्र लीक मामले में एक बड़ी कार्रवाई की है. बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले 35 वर्षीय राज मोहन प्रसाद को गिरफ्तार किया गया है. उसे क्राइम ब्रांच ने बिहार से पकड़ा और रविवार को ट्रांजिट रिमांड पर ओडिशा लाया.
एक साल से फरार था आरोपी
पुलिस के अनुसार, पेपर लीक मामले में पहले छापेमारी के दौरान अधिकांश आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन राज मोहन प्रसाद मौके से फरार हो गया था. पिछले डेढ़ साल से वह लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा, ताकि पुलिस की पकड़ में न आ सके. अंततः उसे गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता मिली.
27 लोग अब तक गिरफ्तार
इस केस में अब तक कुल 27 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. पुलिस का कहना है कि यह एक संगठित गिरोह था, जो परीक्षार्थियों से पैसे लेकर लीक प्रश्नपत्र बांटता था. इस धंधे में बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लोग शामिल थे.
पेपर लीक की पूरी साजिश
यह परीक्षा 16 जुलाई 2023 को होने वाली थी, लेकिन प्रश्नपत्र लीक होने के बाद इसे स्थगित कर दिया गया. पुलिस जांच में सामने आया कि राज मोहन प्रसाद, उसके साथी विशाल कुमार, बिजेंद्र गुप्ता और अजय कुमार लीक प्रश्नपत्र लेकर पश्चिम बंगाल के दीघा के एक होटल में गए थे. वहां लगभग 87 अभ्यर्थियों को पेपर देने की तैयारी थी.
पुलिस रेड के दौरान बच निकला था आरोपी
एक गुप्त सूचना पर पुलिस ने होटल में दबिश दी. कई आरोपी वहीं गिरफ्तार कर लिए गए, लेकिन राज मोहन वहां से भागने में कामयाब रहा. वही छापेमारी इस बड़े गिरोह का खुलासा साबित हुई, जिसके बाद पुलिस ने लंबा पीछा कर प्रसाद को दबोचा.
आगे की जांच जारी
क्राइम ब्रांच अब राज मोहन से पूछताछ कर रही है कि पेपर लीक किस तरीके से हुआ, कौन-कौन इसमें निवेशक थे और अभ्यर्थियों से कितने पैसे लिए जाते थे. पुलिस इस केस से जुड़े और लोगों पर भी नज़र रखे हुए है.
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